तुलसी पूजन दिवस जानिए क्यों मनाया जाता है 25 दिसंबर को
तुलसी पूजन दिवस जानिए क्यों मनाया जाता है 25 दिसंबर को
तुलसी पूजन दिवस 2023: तुलसी दिवस को देवी तुलसी की पूजा के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन लोग तुलसी माता की पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को सबसे पवित्र पौधा माना जाता है। भक्त दीया जलाकर और पूजा करके तुलसी माता का आशीर्वाद लेते हैं। यह दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी 25 दिसंबर 2023 को मनाया जा रहा है।
हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए हिंदू धर्म के लोग तुलसी को माता का रूप मानकर उसकी पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। इस साल शनिवार, 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि जहां तुलसी फलती है, उस घर में रहने वालों को कोई संकट नहीं आते। स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में तुलसी के अनेक गुण के बारे में बताया गया हैं।
यह बात कम लोग जानते हैं कि तुलसी परिवार में आने वाले संकट के बारे में सुखकर पहले संकेत दे देती हैं। शास्त्रों में यह बात भली प्रकार से उल्लेख है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है।
तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं है बल्कि धरा के लिए वरदान है। जिसके कारण इसे हिंदू धर्म में पूजनीय और औषधि तुल्य माना जाता है। तुलसी पूजन करने से न केवल चमत्कारिक लाभ मिलेगा बल्कि साथ ही लोगों को तुलसी से होने वाले लाभ का ज्ञान भी प्राप्त होता है।
आज जब पूरी दुनिया क्रिसमस का त्यौहार मना रही है तब भारत के एक वर्ग में आज तुलसी पूजन दिवस मनाया जा रहा है.
हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा होती है और बहुत से लोग इसे अपने घर में भी लगाते हैं. हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले कई लोग हर दिन भी तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं
1. तुलसी पूजन दिवस 2023: महत्व:
तुलसी पूजन दिवस का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है क्योंकि तुलसी के पौधे को सबसे पवित्र पौधा माना जाता है। भक्त इस तुलसी के पौधे को अपने घर में रखते हैं ताकि वे दीया जला सकें और पौधे की पूजा आसानी से कर सकें। ऐसा माना जाता है कि जो लोग तुलसी माता की पूजा करते हैं उन्हें भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है। देवी तुलसी भक्तों को सुख, समृद्धि और मनोकामना पूर्ति प्रदान करती हैं।
2.तुलसी पूजन दिवस 2023: उत्सव:
इस शुभ दिन पर, लोग देसी घी का दीया जलाकर और मिठाई, माला, श्रृंगार चढ़ाकर देवी तुलसी की पूजा करते हैं और तुलसी के पौधे में भगवान शालिग्राम को रखना चाहिए। इस पवित्र दिन पर लोगों को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। इस दिन घर में तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है। भक्त देवी का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिरों में तुलसी का पौधा भी दान करते हैं।
3.तुलसी पूजन 2023:पूजा अनुष्ठान:
लोग सुबह जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं और सबसे पहले तुलसी के पौधे को जल चढ़ाते हैं और फिर पौधे के पास दीया जलाते हैं। देवी का आशीर्वाद पाने के लिए तुलसी के पौधे की 7 बार परिक्रमा करें। यदि आप चाहें तो देवी को माला, फूल, मिठाइयाँ और श्रृंगार का सामान जैसे दुपट्टा, साड़ी, चूड़ियाँ, सिन्दूर या कोई चाँदी का आभूषण चढ़ाएँ। देवी तुलसी का आशीर्वाद पाने के लिए मंत्र का जाप करना चाहिए और फिर आरती का जाप करना चाहिए। देवी तुलसी भक्तों को सुख, समृद्धि और धन का आशीर्वाद देती हैं।
4.तुलसी से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं:
कहते हैं कि भगवान श्री राम ने गोमती तट पर और वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण ने तुलसी लगायी थी। अशोक वाटिका में सीता जी ने रामजी की प्राप्ति के लिए तुलसी जी का मानस पूजन ध्यान किया था। हिमालय पर्वत पर पार्वती जी ने शंकर जी की प्राप्ति के लिए तुलसी का वृक्ष लगाया था।
एक मान्यता यह भी है कि लंकापति नरेश रावण के भाई विभीषण भी रोजाना तुलसी की पूजा करते थे। यही कारण था कि उनके महल में भी तुलसी का पौधा था। जब लंका दहन के समय हनुमान जी ने ये पौधा विभीषण के महल में देखा तो उन्होंने सिर्फ इस एक जगह को छोड़कर पूरी लंका में आग लगा दी थी।
5.तुलसी पूजा से मिलते हैं अनेक लाभ:
हिंदू धर्म में तुलसी अत्यंत पवित्र पौधों में से एक हैं। इसनकी प्रतिदिन पूजा अनिवार्य है, तुलसी पूजन करने और रोज तुलसी के दर्शन करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा हो वहां त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश विराजते हैं। घर में होने वाली हर पूजा में तुलसी का पत्ता जरूर शामिल करना चाहिए अन्यथा इससे देवताओं का आशीर्वाद नहीं मिलता।